अंकुरित काला चना –
काला चना में प्रोटीन, फाईबर, कार्बोहाइड्रेट, कॉपर, आयरन और फॉस्फोरस भरपूर मात्रा में पाया जाता है। काले चने को गरीबों का बादाम कहा जाता है। इसका कारण ये है कि यह सस्ता होने के साथ साथ बहुत से बिमारी से निजात दिलाता है।
काला चने का बिभिन्न रुप में प्रयोग–
ज्यदा तर हम इसे दाल के रुप में प्रयोग करते हैं। इसे भूनकर, सत्तू के रुप में, बेसन के रुप में और कच्चे अंकुरित करके भी खाते हैं। अंकुरित होने के बाद इसमें पाये जाने वाले पोषक तत्वों में बढ़त हो जाती है।
अंकुरित कैसे करें–
साबूत चना को सात से आठ पानी मे भिगोकर रखें। अच्छी तरह फूलने के बाद इससे पानी को निकाल दें और किसी मोटे कपड़े में बांधकर रख दें। कपड़े के सुखने पर इस पर पानी का छिड़काव करें। एक से दो दिन में ये अंकुरित हो जाता है।
अंकुरित चना के फायदे –
सेहत के लिए ये फायेदेमंद है ये हम सब जानते हैं लेकिन रोजाना सुबह खाली पेट अंकुरित चना खाने से आपके शरीर को कोई बीमारी नहीं लगती और आप स्वस्थ रहते हैं। आईये जानते हैं इसका फायदा –
डायबिटीज के मरीजों के लिए फायेदेमंद –
अंकुरित चना ताकतवर होने के साथ यह डायबिटीज के रोगियों में गल्कोज की मात्रा को कम करता है। इससे डायबिटीज के रोगियों को फायदा मिलता है।
पथरी की समस्या –
आजकल दूषित पानी और खाना खाने की वजह से पथरी की समस्या आम बात है। एक चम्मच शहद के साथ अंकुरित चनों को खाने से पथरी निकल जाने की संभावना होती है।
कब्ज और पेट दर्द –
अंकुरित चना में नमक, जीरा और अदरक मिलाकर खाने से कब्ज और पेट दर्द की समस्या दूर होती है।
शरीर में स्फूर्ति–
अंकुरित काला चना में नमक, अदरक, काली मिर्च और नींबू डालकर खाने से आपके शरीर में दिनभर स्फूर्ति मिलती है। गर्मियों में चने का सत्तू नींबू और नमक मिलाकर पीने से आपको पेट में ठंडक के साथ स्फूर्ति मिलती है।
यूरीन की समस्या –
मूत्र से संबंधित रोगों में रोगियों को भुने हुए चने गुड़ के साथ खाने से राहत मिलती है।
कुष्ठ रोग –
कुष्ठ रोगी अगर अंकुरित चना तीन से चार साल तक लगातार सेवन करे तो वह पूरी तरह ठीक हो सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है, अंकुरित चना सुबह के नाश्ता में खाना ज्यादा लाभकारी है।
नोट – इस पोस्ट में दिए गये जानकारी, संग्रह किये गए डाटा के आधार पर है। इस पोस्ट से लोगों को अंकुरित चना के फायदे के बारे में जानकारी देना है। डिवाईन वेलनेस हेल्थ किसी भी बीमारी के उपचार या ठीक होने की जिम्मेबारी नही लेता है।
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