आयुर्वेद Ayurveda के 4 Golden नियम In Hindi

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आयुर्वेद में 4 सबसे जरुरी नियम- पानी पीने का आदत बदलें

आयुर्वेद Ayurveda प्राचीन भारत की एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमे रोग को जड़ से खत्म किया जाता है। यह पद्धति इलाज से ज्यादा किसी भी बीमारी के रोकथाम पर ध्यान देता है। ऐसा माना जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति में ऊर्जा होती है जो उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नियंत्रित करती है।

मानव शरीर में तीन ऊर्जा जिसे दोष के रुप में जाना जाता है वे हैं- वात, पित्त और कफ। ये दोष पांच मूल तत्व- पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश जिन्हे पंच भूत कहा जाता है उसी से उत्पन्न होता है।

जन्म के समय ये तीनों दोष सामान्य स्थिति में होती है। जब तक ये दोष संतुलित अवस्था में होती है तबतक वह व्यक्ति स्वस्थ रहता है। लोगों के आहार,जीवन शैली और वातावरण के कारण ये दोष बदलते रहते हैं और इससे विकार उतप्न होते हैं और आदमी बीमार हो जाते हैं।

आयुर्वेद में माना गया है कि वात के असंतुलन से – 80 रोग, पित्त के असंतुलन से -45-50 रोग और कफ के असंतुलन से 28 रोग हो सकते हैं।यदि मनुष्य अपने इस दोष को संतुलित रखे तो वह रोगमुक्त रह सकता है।

पानी पीने के आदत बदलें-

आप जानते हैं कि पानी शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है। इसके विना जीवन संभव नही है। लेकिन इसे पीने के लिए कुछ नियम का पालन करें और स्वस्थ जीवन जिएँ।

1.   खाना खाते समय पानी न पीना

आयुर्वेद के ज्ञाता महर्षि वागभट्ट ये कहते हैं कि खाना खाते समय पानी पीना जहर के समान है। प्रश्न ये उठता है कि ऐसा क्यों करें, इससे हमारे जीवन पर क्या असर परता है। जब आप खाना खाते हैं तो सारा खाना पेट में जहाँ इकट्ठा होता है उसे जठर कहते हैं।

इसे आमाशय भी कहा जाता है। यह जठर पेट के नाभी के बांये तरफ होता है। आप कुछ भी खाते हैं तो  वह खाना इस जठर में आता है और यहाँ खाना को पचाने के लिए आग जलती है।

आपके कीचन के तरह ही जबतक आग जलती रहेगी आपको खाना पकता रहता है उसी तरह जबतक जठर में आग जलती रहेगी आपका खाना यहां पचता रहेगा। इस क्रिया को पाचन क्रिया कहते हैं। यह आग करीब एक घंटा तक जलती है। इसलिए पानी भी खाना खाने के एक घंटा बाद पीना चाहिए।

यदि आप पानी खाना खाते समय पी लेते हैं तो यह पानी उस आग को बुझा देती है और आपका खाना पचने से रह जाता है। अब यह खाना पचने के बजाय सड़ता है और बहुत अधिक विष बनाता है। यह विष आपके शरीर को नरक बना देगा। पेट में गैस बनना, पेट में जलन होना और पेट का फूलना सभी इसी खाना के सड़न के कारण होता है।

नोट – यदि खाते समय पानी पीना बहुत ही जरुरी हो तो आप फलों का जूस, दही का लस्सी और नीवू पानी ले सकते हैं। खाना खाने के 40 मिनट पहले पानी पी सकते हैं। 

2.   पानी घूट घूट कर पीना चाहिए

आयुर्वेद के अनुसार आप जब कभी पानी पीयें घूंट-घूंटकर, जिस तरह चाय या दूध पीते हैं उसी तरह पीयें। इसका कारण यह है कि आपके मूँह मे लार निकलता है और वह लार क्षारीय होता है। जब आप पानी घूंट-घूंटकर पीते हैं तो यह लार पानी में मिलकर आपके पेट में जाता है।

घूंट-घूंटकर पीने से अधिक से अधिक लार आरके पेट में जाएगा। आपके पेट मे जो अम्ल बनता है वह इस क्षार के साथ मिलकर अम्लता (acidity) को खत्म करती है।  यदि आपका पेट अम्लीय नही होगा तो आपका खून भी अम्लीय नही होगा।

ध्यान दें – किसी भी जानवर या पक्षी को पानी पीते हुए देखें। वे हमेशा इस नियम का पालन करते हैं।

3.   ठंढ़ा पानी न पीयें

कभी भी फ्रीज या वर्फ वाली पानी न पीये। पेट हमेशा गर्म होता है और जब भी आप ठंढ़ा पानी पीते हैं तो पानी पेट के अंदर जाकर पेट से लड़ाई करता है। चाहे तो पानी पेट को ठंढ़ा करेगा या पेट पानी को ठंढ़ा करेगा। जब पेट ठंढ़ा होगा तो आपका हृदय ठंढ़ा होगा और फिर आपका मस्तिष्क ठंढ़ा होगा। फिर पूरा शरीर ठंढ़ा हो सकता है। याद रहे कि ठंढ़ा शरीर का कोई कदर नही होता है।

जिस तरह गर्म कराही में ठंढ़ा पानी डालते हैं और गैस बनकर निकलता  है, उसी प्रकार गर्म पेट में भी ठंढ़ा पानी डालने से गैस बनता है।

नोट – गरमी के दिनों मे मिट्टी के घड़े के रखे पानी पी सकते हैं।

4.   सुवह उठते ही पानी पीयें

जब भी आप सुवह सो कर उठते हैं उस समय 2-3 गिलास पानी पीयें। ये पानी आपके पेट में जाकर आपके बड़ी आंतों को साफ करती है । इससे दबाव बनता है और आपका मोशन साफ होता है। जिस व्यक्ति का पेट साफ रहता है वह हमेशा स्वस्थ रहता है। सुबह सुबह पेट मे अम्ल ज्यादा रहता है और जब पानी मूंह के लार के साथ पेट में जाता है तो लार, क्षारीय होने के कारण इस अम्लता को खत्म करता है।

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नोट – इस पोस्ट में दिए गये जानकारी, संग्रह किये गए डाटा के आधार पर है। इस पोस्ट से लोगों को पानी पीने की आदतें के बारे में जानकारी देना है। डिवाईन वेलनेस हेल्थ किसी भी बीमारी के उपचार या ठीक होने की जिम्मेबारी नही लेता है।

6 thoughts on “आयुर्वेद Ayurveda के 4 Golden नियम In Hindi”

  1. विनय श्रीवास्तव

    जो भी जानकारी प्राप्त हुई ये बहुत ही लाभदायक है और जानकारी मिली उसके लिए मैं धन्यवाद करता हूँ और आशा करता हु की आप ऐसे ही स्वाथ्य से जुड़ी हुई बातों का मार्गदर्शन करते रहेंगे।
    धन्यवाद

    1. डिवाईन वेलनेस हेल्थ में आपका स्वागत है

  2. बहुत ही बढ़िया जानकारी श्री मान जी

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