Wellness Habits तंदरुस्त रहने की 7आदतें

तंदरुस्त रहने की 7 आदतें Wellness Habits

तंदरुस्त रहना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। इस तंदरुस्त रहने की आदत को अपने जीवन में अपनाकर हम तंदरुस्त रह सकते हैं।

1. फल भोजन से पहले खाएँ –

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तंदरुस्त रहने की 7आदतें

आमतौर पर लोग खाने के बाद फल खाते हैं। यह गलत आदत है। फल कुदरत द्वारा पहले से ही पचे होते है उनको पचाने के लिए ज्यादा ऊर्जा की जरुरत नही पड़ती। हमें अपने खाने को पचाने के लिए तीन घंटे से भी ज्यादा समय चाहिए।

अगर हम खाने के बाद फल खाएँ तो फल, खाने का पेट में पचने का इंतजार करते हैं। इस बीच फल उफन कर गैस बनाने लगते हैं। इससे पचने वाला भोजन भी खराब हो जाता है। भोजन से पहले फल खाना एक तंदुरुस्त आदत है।

2. खाना खाते समय पानी न पीना एक स्वस्थ आदत है –

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जब खाना हमारे मुँह में जाता है तो हमारा मश्तिष्क खाने की गुणवत्ता पहचान लेता है और उपयुक्त पाचक अम्ल हमारे पेट में रिस्ते हैं। जब हम खाते समय पानी पीते हैं तो पाचक अम्ल हलके पड़ जाते हैं यानी पतला हो जाता है। और सही पाचन में बाधा आतीहै।

जब बिना पचा भोजन आँतों में जाता है, तो हानिकारक गैस उत्पन्न हो कर बीमारी पैदा करती हैं। खाना खाने के आधे घंटे बाद पानी पीना एक स्वस्थ आदत है।

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3. दिन में 3 बार पेट साफ करना चाहिए

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हमें अपना पेट उतनी बार साफ करना चाहिए जितनी बार हम खाना खाते हैं। यह हम शिशुओं से सीख सकते  कि पेट साफ करने के प्राकृतिक तरीका पालन किस तरह किया जाता । वे जितनी बार माँ का दूध पीते हैं उतनी बार अपना पेट साफ करते हैं।

प्राकृतिक तरीका अपनाएँ और विषैले तत्वों और अम्लीय अवशेषों को शरीर में 24 घंटे रुकने से रोकें। अपने दिमाग को दिन में 3 बार पेट साफ करने की अच्छी आदत का आदी बनाएँ।

4. कच्चे भोजन की मात्रा बढ़ाएँ

भोजन पकाने की विधि केवल एक हजार साल पुरानी है। सारी बीमारियाँ तभी से शुरु हुई जब से मनुष्य ने भोजन पकाना शुरु किया। भोजन को पकाने से, भोजन का पोषण जला देता है और फइटो कैमिकल्स विषैले कैनिकल्स में बदल जाते हैं।

फल और सब्जियों के छिलके और बीज निकालने से उनके 80 पौष्टिक खत्म हो जाते हैं। सब्जियों को पकाने से, उन बाँकी बचे 20 पौष्टिक के 80 पौष्टिक खत्म हो जाते हैं इसका मतलब है कि हमें अपने खर्चे पैसे का केवब 4 मूल्य ही मिलता है। धीरे- धीरे, कच्चा खाना खाने की स्वस्थ आदत डालना शुरु करें।

5 खारा भोजन खाना चाहिए –

हमें निरोग जीवन जीने के लिए हमेशा अपने शरीर को खारा रखना चाहिए। जब हमारे शरीर में अम्ल हो जाता है तो हमारे शरीर में रोग लगने का डर हो जाता है।

रक्त के अम्लीय माध्यम में लाल रक्त कोशिकाएँ एक दूसरे से जुड़ जाती है और इस तरह कोशिकाओं तक आँक्सीजन कम पहुँचती है। रक्त के खारे माध्यम में लाल रक्त कोशिकाएँ ज्यादा आँक्सीजन लिए मुक्त रुप से तैरती है। आप अपने खाने को ज्यादा खारा बनाइए।

6. गहरी साँसे लीजिए

हम अपने फेफड़ों की मात्र 25 क्षमता इस्तेमाल करते हैं। हम ज्यादातर छोटी साँसे लेते हैं जो एक गलत आदत है। स्वस्थ साँस लेने का अभ्यास करें।

कोशिस करें साँस अंदर लेते समय पेट बाहर की तरफ निकले, जिससे आपके फेफड़ों को फैलने के लिए ज्यादा जगह मिल सके और हमारे शरीर की हर कोशिकाओं के लिए जरुरी आँक्सीजन और बाहर निकलने के लिए कार्बन डाइ आक्साइड पूरी तरह मिल सके।

इसी प्रकार जब हम साँस छोरते हैं तब, हमारा पेट अंदर जाना चाहिए ताकि फेफड़े पूरी तरह सिकुड़ कर कार्बन डाइ आक्साइड को पूरी तरह बाहर निकाल सके।

7.खाने खाने के बाद मुँह, दांत और मसुड़ो को धोना

हमारे मुह मे बहुत से हानिकारेक बैक्टीरिया रहेते हैं जो हमारे पेट से आँतों में और फिर रक्त में चले जाते हैं और भयानक रोग पैदा करते हैं। अपने मुँह और दाँत साफ करने और मसुड़ों की मालिश करने का सबसे बढ़िया तरीके हे अपने आंगुलियों के प्रयोग करना।

बीमारी पैदा करने वाले टुथपेस्टों से बचे जिनमें कैल्शियम, फ्लोराईड आदि जैसे केमिकल्स होते हैं।

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नोट – इस पोस्ट में दिए गये जानकारी, संग्रह किये गए डाटा के आधार पर है। इस पोस्ट से लोगों को तंदरुस्त रहने की आदतें के बारे में जानकारी देना है। डिवाईन वेलनेस हेल्थ किसी भी बीमारी के उपचार या ठीक होने की जिम्मेबारी नही लेता है।

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